Shrimad Bhagwat Katha

Shrimad Bhagwat Katha - श्रीमद भागवत कथा

मानव जीवन में श्रीमद भागवत कथा का बड़ा ही महत्व है। कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा मन का शुद्धिकरण होता है। प्रत्येक मनुष्य को भागवत की संपूर्ण कथा का श्रवण करना चाहिए। भागवत से भक्ति एवं भक्ति से शक्ति की प्राप्ति होती है तथा जन्म जन्मांतर के सारे विकार नष्ट होते हैं। इसे सुनने मात्र से हजारों अश्वमेघ यज्ञ आयोजनों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। गंगा, गया, काशी, पुष्कर या प्रयाग जैसे तीर्थों की यात्रा से भी अधिक पुण्यकारी है भागवत कथा का पाठ या इसे सुनना। इसे सुनने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। भागवत कथा सुनने वाले पर स्वयं श्रीहरि विष्णु की कृपा रहती है, इसलिए उसके जीवन की सभी समस्याओं का निवारण होता है। जगत के पालनहार की कृपा दृष्टि मिलने से व्यक्ति के जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं तथा जीवन में प्रगति, खुशहाली तथा समृद्धि के द्वार खुलते हैं।

भागवत कथा आयोजित कराने तथा सुनने वाले व्यक्तियों-परिवारों के पितरों को शांति तथा मुक्ति मिलती है। यह व्यक्ति को सभी प्रकार के पितृ-दोषों से निजात दिलाता है। इस कथा को सुनने मात्र से व्यक्ति के जीवन से जुड़ा हर दोष नष्ट होता है, उसकी नकारात्मकता जाती रहती है और हर प्रकार से वह सकारात्मक हो जाता है। उसे स्वास्थ्य, समृद्धि मिलती है तथा भाग्य में वृद्धि होती है। भागवत कथा को सुनना जितना पुण्य प्राप्ति का माध्यम है उतना ही इसका आयोजन करना भी। अगर आप खुद इसका आयोजन नहीं कर पा रहे हैं, तो ‘एस्ट्रोस्पीक’ द्वारा उपलब्ध कराई गई इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। दरिद्रता का नाश, दुर्भाग्य तथा सभी प्रकार से क्रोध-शोक का नाश होता है।

श्रीहरि के कृपापात्रों को संसार में कोई भयभीत नहीं कर सकता। इसलिए ऐसे व्यक्तियों को बुरी नजर, भूत-प्रेत बाधा आदि से भी मुक्ति मिलती है। पारिवारिक-मानसिक अशांति, क्लेश का नाश होता है, शत्रुओं पर विजय मिलता है तथा उनका शमन होता है। श्रीमद्भागवत कथा जीवन-चक्र से जुड़े प्राणियों को उनकी वास्तविक पहचान करता है, आत्मा को अपने स्वयं की अनुभूति से जोड़ता हैं तथा सांसारिक दुख, लोभ-मोह- क्षुधा जैसी तमाम प्रकार की भावनाओं के बंधन से मुक्त करते हुए नश्वर ईश्वर तथा उसी का एक अंश आत्मा
से साक्षात्कार कराता है।

गीता सार

जो हुआ वह अच्छा हुआ,
जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है।
जो होगा, वह भी अच्छा होगा।
तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो?
तुम क्या लाए थे, जो तुमने खो दिया?
तुमने क्या पैदा किया, जो नष्ट हो गया?
तुमने जो लिया, यहीं से लिया;
जो दिया, यहीं पर दिया;
जो आज तुम्हारा है,
कल किसी और का था,
कल किसी और का होगा।
परिवर्तन ही संसार का नियम है।

Shrimad Bhagwat Katha has great importance in human life. Listening to the story leads to salvation and purification of the mind. Every human being should listen to the complete story of Bhagwat. Devotion to Bhagwat and power is attained by devotion and all the disorders of birth after birth are destroyed. Merely listening to this one attains virtue equivalent to thousands of Ashwamedha Yagya events. Reciting or listening to Shrimad Bhagwat Katha is more virtuous than visiting holy places like Ganga, Gaya, Kashi, Pushkar or Prayag. Those who listen to it attain salvation. The one who listens to Bhagwat Katha is blessed by Sri Hari Vishnu himself, hence all the problems of his life are solved. By receiving the blessings of the Lord of the world, the sins of many births of a person are destroyed and the doors of progress, happiness and prosperity in life are opened.

The forefathers of the persons and families who organize and listen to Shrimad Bhagwat Katha get peace and liberation. It relieves the person from all kinds of ancestral defects. Just listening to this story destroys every defect related to a person’s life, his negativity goes away and he becomes positive in every way. He gets health, prosperity and fortune increases. As much as listening to Shrimad Bhagwat Katha is a means of attaining virtue, organizing it is equally so. If you are not able to organize it yourself, then you can take advantage of this service provided by ‘AstroSpeak’. Destruction of poverty, misfortune and all kinds of anger-mourning is destroyed.

No one in the world can frighten those who are blessed by Sri Hari. That’s why such people also get freedom from evil eye, ghosts, obstacles etc. Family-mental disturbance, tribulation is destroyed, enemies are conquered and their mitigation is done. Shrimad Bhagwat Katha gives the true identity of the creatures related to the cycle of life, connects the soul with its own feeling and frees it from the bondage of all kinds of emotions like worldly sorrow, greed-attachment-appetite, the mortal God and one of the same. part soul
conducts interviews with.

Shrimad Bhagwat Katha – श्रीमद भागवत कथा

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