कारखाना अधिनियम 1948 (Factory Act 1948) भारत में औद्योगिक श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के उद्देश्य से बनाया गया कानून है। इस अधिनियम के तहत, ऐसे सभी कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए आवश्यक सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाएं प्रदान की जाती हैं जहाँ 10 या उससे अधिक श्रमिक काम करते हैं और बिजली का उपयोग होता है, या 20 या उससे अधिक श्रमिक बिना बिजली के काम करते हैं।
इस अधिनियम के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं:
- सुरक्षा (Safety): मशीनों की सुरक्षा, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग, आग से सुरक्षा, और अन्य खतरों से श्रमिकों की सुरक्षा की गारंटी देता है।
- स्वास्थ्य (Health): श्रमिकों के कार्यस्थल पर साफ-सफाई, रोशनी, वेंटिलेशन, और पेयजल जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने की बात करता है।
- कल्याण (Welfare): श्रमिकों के कल्याण के लिए कैन्टीन, क्रेच (शिशु देखभाल केंद्र), और आरामगाह जैसी सुविधाएं अनिवार्य बनाता है।
- काम के घंटे (Working Hours): इस अधिनियम के अनुसार, श्रमिकों के लिए कार्य के घंटे, ओवरटाइम, और अवकाश के नियम निर्धारित किए गए हैं ताकि श्रमिकों का शोषण न हो।
- विशेष प्रावधान: महिलाओं और किशोरों के लिए विशेष प्रावधान भी किए गए हैं, जिससे उनके कार्य के घंटे और प्रकार को सीमित किया गया है।
कारखाना अधिनियम 1948 का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थलों पर श्रमिकों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है।
Factory Act 1948 PDF In Hindi