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शब्द भेद हिंदी व्याकरण pdf

Aditya Publication Hindi Book PDF – शब्द भेद हिंदी व्याकरण PDF

किसी भी वाक्य को लिखने व बोलने के लिए शब्दों के समूह का प्रयोग किया जाता है। वाक्य में प्रयोग के समय इन सभी शब्दों को कोई न कोई नाम जरूर दिया जाता है, जैसे – संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण आदि। शब्द भेद प्रयोग के आधार 8 भेद होते है – संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया – विशेषण, संबंध बोधक, समुच्चय बोधक तथा विस्मयादि बोधक। इन 8 प्रकार के शब्दों को विकार की दृष्टि से दो भागों में बंटा गया है – विकारी और अविकारी। अर्थ की दृष्टि से 2 भेद होते है – सार्थक और निर्थक।

विकारी शब्द :- जिन शब्दों के रूप में लिंग, वचन, कारक के अनुसार परिवर्तन का विकार आता है, उन्हें विकारी शब्द कहते है। इसे हम ऐसे भी कह सकते है- विकार यानी परिवर्तन। वे शब्द जिनमें लिंग, वचन, कारक आदि के कारण विकार (परिवर्तन) आ जाता है, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं। विकारी शब्द चार प्रकार के होते है- संज्ञा (noun), सर्वनाम (pronoun), विशेषण (adjective) & क्रिया (verb)

अविकारी शब्द :-जिन शब्दों के रूप में कोई परिवर्तन नही होता, उन्हें अविकारी शब्द कहते है। दूसरे शब्दों में- अ + विकारी यानी जिनमें परिवर्तन न हो। ऐसे शब्द जिनमें लिंग, वचन, कारक आदि के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता, अविकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे- परन्तु, तथा, यदि, धीरे-धीरे, अधिक आदि। अविकारी शब्द भी चार प्रकार के होते है- क्रिया-विशेषण (Adverb), सम्बन्ध बोधक (Preposition), समुच्चय बोधक(Conjunction), विस्मयादि बोधक(Interjection)

सार्थक शब्दों के अर्थ होते है और निरर्थक शब्दों के अर्थ नहीं होते। जैसे- ‘पानी’ सार्थक शब्द है और ‘नीपा’ निरर्थक शब्द, क्योंकि इसका कोई अर्थ नहीं। सार्थक शब्द:- जिस वर्ण समूह का स्पष्ट रूप से कोई अर्थ निकले, उसे ‘सार्थक शब्द’ कहते है। जैसे- कमल, खटमल, रोटी, सेव आदि। निरर्थक :- जिस वर्ण समूह का कोई अर्थ न निकले, उसे निरर्थक शब्द कहते है। जैसे- राटी, विठा, चीं, वाना, वोती आदि।

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